Friday, November 22, 2024
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जापान के महावाणिज्यदूत ने राज्यपाल से की मुलाकात, जापान और भारत स्वाभाविक साझेदार: यागी कोजी

मुंबई। जापान और भारत एक-दूसरे के स्वाभाविक साझेदार हैं और दोनों देशों के बीच संबंध उच्चतम स्तर पर हैं। यह बात जापान के महावाणिज्यदूत यागी कोजी ने गुरुवार को राजभवन मुंबई में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन से शिष्टाचार भेंट के दौरान कही। महावाणिज्यदूत यागी कोजी ने महाराष्ट्र में मेट्रो लाइन, अटल सेतु और हाई-स्पीड ट्रेन जैसी परियोजनाओं में जापान द्वारा किए गए सहयोग का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनके देश के महाराष्ट्र के साथ अच्छे और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। इसके अलावा, जापान कौशल प्रशिक्षण और जापानी भाषा शिक्षण के क्षेत्र में भी महाराष्ट्र के साथ काम कर रहा है, जो दोनों देशों के युवाओं के लिए लाभदायक होगा। राज्यपाल राधाकृष्णन ने जापान का स्वागत करते हुए बताया कि अपने कार्यकाल के दौरान वे कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में टोक्यो और ओसाका का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने जापान में उगाए जाने वाले मशरूम की गुणवत्ता की प्रशंसा की और कहा कि जापान के मशरूम बड़े आकार, बेहतर स्वाद और उत्कृष्ट गुणवत्ता के लिए मशहूर हैं। राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि जापान महाराष्ट्र के किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों को मशरूम की खेती में सहायता प्रदान करेगा। इस संबंध में उन्होंने महाराष्ट्र और जापान के कृषि विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि जापान का प्रसिद्ध मियाजाकी आम स्वादिष्ट होता है और इसकी कीमत विश्व भर में सबसे अधिक होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि जापान महाराष्ट्र में भी विशेष आम की किस्मों की खेती में सहायता कर सकता है, जिससे राज्य के किसानों और आदिवासी क्षेत्रों के किसानों को आर्थिक लाभ हो सकता है। राज्यपाल ने यागी कोजी से कहा कि वह राज्य के विश्वविद्यालयों में जापानी भाषा के शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए कार्य करेंगे। इस उद्देश्य से उन्होंने प्रस्ताव दिया कि राजभवन में जापान फाउंडेशन के अधिकारियों के साथ राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एक बैठक आयोजित की जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जर्मनी की तरह जापान भी महाराष्ट्र में कुशल जनशक्ति के निर्माण और निर्यात के लिए एक संयुक्त उद्यम स्थापित करने पर विचार कर सकता है। इस बैठक में राज्यपाल और जापान के महावाणिज्यदूत ने दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक क्षेत्र में सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की।

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