
मुंबई। महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल ने आज अपने सत्र के दौरान दिग्गज उद्योगपति पद्म विभूषण रतन टाटा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें रतन टाटा की अद्वितीय उपलब्धियों और उनके देश सेवा के कार्यों को याद करते हुए गहरी संवेदनाएं व्यक्त की गईं। इस अवसर पर राज्य कैबिनेट ने केंद्र सरकार से रतन टाटा को भारतरत्न से सम्मानित करने का अनुरोध करने वाला एक प्रस्ताव भी पारित किया। शोक प्रस्ताव में रतन टाटा की औद्योगिक और सामाजिक योगदान की सराहना करते हुए कहा गया कि उन्होंने भारत के औद्योगिक क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि सामाजिक विकास के कार्यों में भी अत्यधिक योगदान दिया। रतन टाटा को समाज सेवा, नैतिक मूल्यों और उद्यमशीलता के प्रतीक के रूप में याद किया गया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान को सुदृढ़ किया, और उनके सिद्धांतों ने देश के औद्योगिक और सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किया। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और समाज सेवा के क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया। उनकी परोपकारी गतिविधियों ने 26/11 के मुंबई हमलों और कोविड-19 महामारी के दौरान देश को राहत पहुंचाई। कोविड काल में उनके द्वारा प्रधानमंत्री राहत कोष में 1500 करोड़ रुपये का योगदान और टाटा समूह के होटलों को मरीजों के लिए उपलब्ध कराना उनकी महानता को दर्शाता है। मंत्रिमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि रतन टाटा के मार्गदर्शन का लाभ महाराष्ट्र और देश को हमेशा मिलता रहेगा। उनके नवाचार और परोपकारिता के अद्वितीय समन्वय ने उन्हें एक विशेष स्थान दिलाया, और उनकी विरासत देश की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी। इस शोक प्रस्ताव में राज्य मंत्रिमंडल ने रतन टाटा के निधन को देश और महाराष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया। मंत्रिमंडल ने टाटा ग्रुप और देश के इस महान सपूत को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।