दुनिया जानती है धूर्त चीन अपने पड़ोसी राष्ट्रों की जमीन हड़पने की चाल चलता रहता है।हमारे जम्मू कश्मीर राज्य की सूरत बदलना भाजपा सरकार की बड़ी गलती है। भारतीय इतिहास को पलटने में विश्वास रखती है बीजेपी। आजादी के बाद तमाम राज्यों का एक संघराष्ट्र बनाया गया। यह टेरिटरी को राज्य बनाने जैसा ही था जम्मू कश्मीर राज्य में जम्मू कश्मीर घाटी और लद्दाख शामिल था बीजेपी ने राजनीतिक फायदे के लिए कायदा बिगाड़ दिया। राज्य को टेरिटरी में बांट दिया। यह पहली दफा हुआ है कि किसी राज्य को टेरिटरी बना दिया गया हम जानते हैं उत्तर प्रसेग से उत्तराखंड को अलग किया गया उसे राज्य का दर्जा ही दिया गया। यही मध्यप्रदेश से निकलकर छत्तीसगढ़ को राज्य बनाने और बिहार का हिस्सा काटकर झाड़खंड राज्य बनाया गया टेरिटरी नहीं।पूर्वोत्तर हो, दिल्ली, गोवा दमन और दीव सारे केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य का दर्जा ही दिया गया।कभी किसी राज्य का हिस्सा काटकर टेरिटरी नहीं बनाया गया लेकिन उलटी गंगा बहाते हुए बीजेपी ने जम्मूकाश्मिर और लद्दाख को टेरिटरी बनाकर भारी गलती की। आज अरूणांचल प्रदेश में कई गांवों के नाम चीन ने बदल दिए। वहां सौ गांव बसा लिए। बीजेपी झूठ बोलती रही न कोई घुसा है न घुसेगा। इसी तरह जब राहुल गांधी ने लद्दाख की जमीन पर चीन के कब्जे की बात चरवाहों के रोक लगाने पर कही तो उन्हें झूठा कहा गया। बीजेपी सरकार को बदनाम करने के आरोप लगाए गए। आज चीज लद्दाख को तिब्बत का दक्षिणी हिस्सा मानने का दावा कर रहा है। अक्साई चीन जो भारतीय भूभाग है चीन के कब्जे में है। बीजेपी की केंद्र सरकार डिफेंस में है। उसे अफेंसिव होना चाहिए और चीन की दुखती रग तिब्बत और कैलाश पर्वत को भारतीय भूभाग बताकर चीन को छोड़ने के लिए कहना चाहिये। तिब्बत और कैलाश मानसरोवर भारतीय आध्यात्मिक क्षेत्र रहा है।दलाई लामा तिब्बतियों के गुरु भारत में शरण लिए हुए हैं। कैलाश को भारत अपने त्रिदेव में से एक शिव का निवास स्थान मानता है। चीन को साफ शब्दों में बोलने होंगे कि जिस तिब्बत पर तुमने जबरन कब्जा किया है हमारा आध्यात्मिक केंद्र है उसे खाली करो। साथ ही कैलाश पर्वत हमारे आराध्य देव शिव का निवास है। इसके साथ ही अक्साई चीन को भी खाली करे। जब तक दबाव नहीं बनाया जायेगा चीन सुधरने वाला नहीं है। इतना ही क्यों। चीन की लंबी दीवार भारतीय राजा के भय से बनाई गई थी यानी चीनी दीवार के पश्चिम का हिस्सा भारत का है। चीन उसे खाली करे। जिस दिन भारत दबाव बनाना शुरू करेगा घुटनों पर आ जाएगा चीन। इसलिए भारत को सुरक्षात्मक नहीं आक्रामक दिखाना होगा। साथ ही भारत को चीन की सीमा से लगाते राष्ट्रों नेपाल म्यांमार बांग्लादेश भूटान वियतनाम कोरिया आदि देशों का संगठन बनाकर उसमें रूस को भी शामिल करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर समस्त पड़ोसी राष्ट्रों को चीन पर हमला भी करना होगा।