प्रयागराज। प्रयागराज के श्री हरि आर्थोपेडिक्स केंद्र के निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर विकास त्रिवेदी को अमेरिकन आर्थरोस्कोपी एसोसिएशन ऑफ़ नार्थ अमेरिका (AANA) के वार्षिक सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय स्कॉलरशिप से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें हड्डी और जोड़ रोगों के उपचार में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया।
प्रयागराज में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में प्रोफेसर त्रिवेदी ने बताया कि इस सम्मेलन में उन्होंने घुटने की लिगामेंट सर्जरी और कार्टिलेज सर्जरी की नवीनतम तकनीकों का अध्ययन किया। इन तकनीकों के माध्यम से भारत और विशेष रूप से प्रयागराज में चोटों से ग्रसित मरीज़ों का विश्वस्तरीय इलाज संभव होगा। डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि लिगामेंट और कार्टिलेज की चोटें, जो स्पोर्ट्स इंजरी और बाइक एक्सीडेंट में आम होती हैं, अब दूरबीन विधि से त्वरित और कुशल ऑपरेशन के जरिए आसानी से ठीक की जा सकती हैं। इस नवीनतम तकनीक से मरीज़ों की रिकवरी भी बेहतर होती है। उन्होंने यह भी बताया कि कंधे के जोड़ के बार-बार डिस्लोकेशन या हटने का इलाज आर्थरोस्कोपिक सर्जरी से सफलता पूर्वक किया जा सकता है। इसके अलावा, कंधे के रोटेटर कफ मांसपेशी के फटने का भी इलाज दूरबीन विधि से संभव है।