Monday, December 23, 2024
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संपादकीय:- चुनावी बॉन्ड के बाद पीएम केयर फंड?

चुनावी बॉन्ड के द्वारा बीजेपी ने लगभग 12000 करोड़ रुपए उगाही किए। उगाही इसलिए कि आईटी, ईडी की छापेमारी पहले, चंद दिनों बाद डोनेशन दिए गए। 400 करोड़ का फ्रॉड करने वाले को 14000 करोड़ के धंधे दिए गए जिसने 100 करोड़ रुपए चंदे दिए।जिंदल स्टील को खदान मिली। यही नहीं वार्षिक लाभ का 1500 गुना मूल्य के बॉन्ड खरीद लिए गए।यानी चंदा दो धंधा लो।जिस दिन जांच निष्पक्ष होगी उस दिन दूध का दूध पानी का पानी होगा। ईमानदारी की पोल तो सरकार गिराने के लिए खरीदी और भ्रष्ट विपक्षी नेताओं को मिलाकर सरकार बनाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की नकेल कस दी है। डायरेक्टर को डांत पिला दिया सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई ने को तीन हजार से अधिक बॉन्डों को छुपाया था। उसे सार्वजनिक करने और कोड़ मांग लिए हैं। 21 मार्च तक एसबीआई क्या करती है देखना होगा।
इलेट्रॉरल बॉन्ड के बाद ही पीएम केयर फंड पर भी सवाल उठ रहे हैं। जिसके प्रमुख ट्रस्टी पीएम, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और तीन बाहरी लोगों को पीएम ने नियुक्त किया है। जिसमें टाटा का भी नाम है। जिसे पीएम की ओर से कोर्ट में कहा गया कि यह पर्सनल फंड है जिसे जानने का अधिकार जनता को नहीं है। कमाल है न। नाम प्रधानमंत्री का और प्राइवेट? कैसे संभव हो सकता है? पर्सनल तो तब होता जब मोदी के नाम से होता। देशवासियों को मूर्ख समझ लिया गया है।प्रधानमंत्री व्यक्तिगत नहीं संवैधानिक पद है। तो पूरे देश का होता है। पीएम नाम से पब्लिक फंड? सबसे अहम बात यह कि कोर्ट से झूठ बोला गया कि इसमें सरकारी संस्थानों से पैसे नहीं लिए गए जबकि सत्य तो यह है कि अनेक सरकारी कंपनियों से पैसे वसूल किए गए थे। इतना ही नहीं रेलवे में काम करने वालों के बेतन में से सिद्धि कटौती की है। कर्मचारियों के बेतन में से पैसे काटने के विरोध में इलाहाबाद युनियन ने विरोध करते हुए कहा था कि कर्मचारियों के बेतन से पैसे नहीं काट लिए जाएं। हमें बताइए कितना देना है। हम देंगे। प्रमाण है कि जब सरकारी कर्मियों के बेतन से पैसे काटे गए तो सरकारी कंपनियों से क्यों नहीं लिए गए। जब कि आरोप लगे हैं कि दर्जन भर सरकारी कंपनियों ने कम से कम सौ करोड़ से लेकर तीन सौ करोड़ चंदा पीएम केयर फंड में दिए हैं। यही नहीं कांग्रेस द्वारा चीन से पचास करोड़ लेने के आरोप की पुष्टि चीन द्वारा उसकी चार कंपनियों ने 50 करोड़ रुपए पीएम केयर फंड में दिए थे। सोचना होगा कि दुश्मन देशों पाकिस्तानी कंपनी से इलेक्टोरल बॉन्ड के तो चीनी कंपनियों द्वारा पीएम केयर फंड में पैसे लिए गए।एक तरफ हमारे जाबांज सैनिक दिन रात चीन पाकिस्तान बॉर्डर पर शहीद हो रहे तो दूसरी तरफ खुद को राष्ट्रवादी और राष्ट्र भक्त कहने वाली पार्टी की सरकार देश के दुश्मनों से चंदा लेकर बोलती है न कोई घुसा है न घुसेगा और पीओके भारत का अभिन्न अंग कहने वालों पर कितना विश्वास करेगा राष्ट्र?

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