
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने जांच एजेंसी को चिट्ठी लिखी है और उन्होंने नोटिस को अवैध बताया। ईडी के सामने पेश न होने पर अरविंद केजरीवाल ने ईडी को जवाब लिखा है। अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय पर वर्तमान मामले में अनुचित गोपनीयता बनाए रखने और अपारदर्शी और मनमाना होने” का आरोप लगाया। यह तीसरी बार है जब केजरीवाल समन में शामिल नहीं हुए। वह पांच राज्यों में चुनाव का हवाला देते हुए 2 नवंबर को समन में शामिल नहीं हुए थे। 21 दिसंबर को भी वह अपनी विपश्यना यात्रा का हवाला देकर समन में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने 2 नवंबर, 2023 और 20 दिसंबर, 2023 को उनके पहले के जवाबों का जवाब दिए बिना “पहले के समान प्रारूप में समान शब्दों में समन भेजा था।” इसलिए, मैं मानता हूं कि आपके पास समन जारी करने का कोई वैध कारण या औचित्य नहीं है।
पत्र में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में तीन राज्यसभा सीटें 27 जनवरी 2024 को खाली हो रही हैं। उन्होंने दावा किया, आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते, मैं इस प्रक्रिया में फंस गया हूं और इन महत्वपूर्ण चुनावों में भाग लेता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि वह 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की योजना में व्यस्त है। केजरीवाल ने कहा कि अगर एजेंसी कोई जानकारी या दस्तावेज मांगती है, जो उनकी जानकारी में है या उनके पास है, तो उन्हें किसी भी प्रश्नावली का जवाब देने में खुशी होगी। ईडी की ओर से समन भेजने के समय पर सवाल उठाते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को कहा कि ईडी ने अभी तक यह जवाब नहीं दिया है कि केजरीवाल को किस हैसियत से बुलाया जा रहा है – एक गवाह के रूप में या एक आरोपी के रूप में। आप की ओर से आरोप लगाया गया है कि आबकारी नीति से जुड़ा पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है जिसका मकसद केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने का प्रयास करना है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि समन उन तक पहुंचने से पहले ही मीडिया में प्रसारित हो चुका था।