विपक्ष ने बताया लोकतंत्र की हत्या, बीजेपी बोली- कानून से ऊपर कोई नहीं

नई दिल्ली। कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को आज लोकसभा के सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया। सदन में लोकसभा की आचार संहिता की रिपोर्ट को चर्चा के बाद मंजूरी दे दी गई जिसमें महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी। महुआ मोइत्रा के खिलाफ सदन में प्रश्न पूछने के बदले नगदी लेने के प्रत्यक्ष संलिप्तता के आरोप लगे थे। भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा 15 अक्टूबर को शिकायत की गई थी। इसके बाद इस पूरे मामले को लेकर जांच पड़ताल शुरू हुई। हालांकि, इसको लेकर सियासी बवाल भी शुरू हो गया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे तानाशाही और लोकतंत्र के साथ विश्वासघात करार दिया। तो वहीं भाजपा ने कहा है कि महुआ मोइत्रा के प्रकरण से दुनिया में भारतीय सांसदों की छवि धूमिल हुई है।
महुआ मोइत्रा ने क्या कहा
मोइत्रा ने अपने इस निष्कासन की तुलना ‘कंगारू अदालत’ द्वारा सजा दिए जाने से करते हुए आरोप लगाया कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने का हथियार बना रही है। उन्होंने कहा कि एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है…यह आपके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि अगर इस मोदी सरकार ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे को खत्म कर देंगे, मैं आपको यह बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, वह दर्शाता है कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है, और आप एक महिला सांसद को समर्पण करने से रोकने के लिए उसे किस हद तक परेशान करेंगे।
विपक्षी नेताओं के बयान
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस कदम को देश के संसदीय लोकतंत्र के साथ ‘‘विश्वासघात’’ करार दिया। उन्होंने कहा कि आज मुझे बीजेपी पार्टी का रवैया देखकर दुख हो रहा है…उन्होंने लोकतंत्र को कैसे धोखा दिया…उन्होंने महुआ को अपना रुख स्पष्ट करने की अनुमति नहीं दी। सरासर अन्याय हुआ है। ममता ने कहा कि मैं आपको बता रही हूं कि महुआ (मोइत्रा) परिस्थितियों की शिकार हुई हैं। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं…हमारी पार्टी महुआ से साथ है हमारी पार्टी इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी…यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि महुआ मोइत्रा को अपराधी बताने के बाद एथिक्स कमेटी ने पूछताछ की मांग की। आप अपराधी मिलने के बाद जांच की मांग कैसे कर सकते हैं? आपको पहले जांच करनी चाहिए और फिर किसी को अपराधी कहना चाहिए… आपको(एथिक्स कमेटी) कानून की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि एक महिला का सत्ता में होना ऐसी चीज है जिसे भाजपा बर्दाश्त नहीं कर सकती…. उन्होंने (भाजपा) कैसे सोचा कि यह निष्कासन उन्हें (महुआ मोइत्रा) चुप कराने के लिए काफी है? वे 2024 में फिर चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस नेता अब्दुल खालिक ने कहा जो भी अडानी पर सवाल उठाता है ये सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करती है। महुआ मोइत्रा के केस में भी हमने वही देखा। ये सरकार डरती है… सरकार लोकतंत्र को खत्म कर रही है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा सबसे बड़ा विरोधाभास है कि एक व्यक्ति पर आपने कुछ आरोप लगाए, सभी उस पर बोल रहे थे पर उनको (महुआ मोइत्रा) बोलने और सफाई देने का मौका नहीं दिया गया। मुझे लगता है कि ये न्यायोचित नहीं है…भाजपा सशक्त महिलाओं से घबराती हैं। अडानी पर अगर कोई बात कर ले तो सदन में आपके लिए जगह नहीं है। अडानी और मोदी के रिश्तों पर जो भी सवाल उठाएगा उसके खिलाफ हर प्रकार की मनमानी कार्रवाई की जाएगी। आप के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक कहते हैं, एक लक्ष्य रखा गया था कि उन्हें (महुआ मोइत्रा) को हटाना है और फिर एक रणनीतिक योजना बनाई गई… उन्हें फंसाया गया… हर कोई जानता था कि यह सब उन्हें निलंबित करने के लिए किया गया था। हम महुआ मोइत्रा के साथ हैं…। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसी का नाम लिए बिना कहा, सत्ताधारी दल विपक्ष के लोगों की सदस्यता लेने के लिए किसी सलाहकार को रख ले, जिससे मंत्रियों एवं सत्ता पक्ष के सासंदों और विधायकों का समय षड्यंत्रकारी गतिविधियों में न लगकर लोकहित के कार्यों में लगे। जिन आधारों पर सांसदों की सदस्यता ली जा रही है, अगर वही आधार सत्ता पक्ष पर लागू हो जाएं तो शायद उनका एक दो सांसद-विधायक ही सदन में बचेगा। कुछ लोग सत्ता पक्ष के लिए सदन से अधिक सड़क पर घातक साबित होते हैं।