प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और NCP के कद्दावर नेता और विधायक हसन मुश्रीफ (MLA Hasan Mushrif) से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक, कोल्हापुर जिले में एक सहकारी चीनी मिल (Cooperative Sugar Mill) की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में ये छापेमारी की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी की कई टीमें पुणे और कोल्हापुर में NCP नेता जुड़े ठिकानों पर तलाशी कर रही हैं। हालांकि विधायक हसन मुश्रीफ ने आरोप लगाया है कि उनके ठिकानों पर छापेमारी ‘राजनीतिक बदले’ के लिए की जा रही है।
यहां यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि हसन मुश्रीफ कोल्हापुर में एक चीनी मिल से जुड़े 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी हैं, जो कथित तौर पर उनके रिश्तेदारों के मालिकाना हक वाली एक निजी फर्म के जरिए से किया गया है।
कौन हैं हसन मुश्रीफ ?
कोल्हापुर के कागल विधानसभा क्षेत्र के विधायक हसन मुश्रीफ, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और उन्हें पार्टी प्रमुख शरद पवार का वफादार माना जाता है। बता दें कि मुश्रीफ 1999 से लगातार कागल से चुने जाते रहे हैं।
वह महाराष्ट्र के कोल्हापुर के एक शक्तिशाली नेता हैं और शदद पवार के बेहद करीबी भी हैं। साल 2019 में एनसीपी चीफ के साथ खड़े होने वाले प्रमुख नेताओं में से एक थे, अजित पवार वे उनके खिलाफ बगावत की थी।