
ठाणे। कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) के अंतर्गत काम कर रहे ठेका सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार को तब हड़ताल छेड़ दी जब नए ठेकेदार सुमित एन्क्लोप्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड ने पुराने 1250 कर्मचारियों में से केवल 500 कर्मचारियों की नियुक्ति की, और शेष 750 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया। विरोध के बाद ठेकेदार ने 15 अगस्त से चरणबद्ध नियुक्ति का वादा किया, जिसके बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई। इससे पहले केडीएमसी क्षेत्र में ठोस कचरा प्रबंधन का काम सिक्योर वन कंपनी द्वारा किया जा रहा था। लेकिन हाल ही में यह ठेका सुमित एन्क्लोप्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया। ठेके की प्रक्रिया पूरी होते ही नए ठेकेदार ने केवल 500 कर्मचारियों को दोबारा नियुक्त किया, जिससे शेष 750 कर्मियों के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया। इस अन्याय के विरोध में कर्मचारियों ने खंबलपाड़ा वाहन डिपो के बाहर जोरदार आंदोलन शुरू कर दिया। उन्होंने शिवसेना के जिला नेता दीपेश म्हात्रे से संपर्क किया, जिन्होंने तुरंत मामले को गंभीरता से लेते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ डिपो का रुख किया। वहाँ पर उन्होंने केडीएमसी के उपायुक्त प्रसाद बोरकर और ठेकेदार कंपनी के प्रबंधकों अनंत जोशी और अभिषेक बुराशे के साथ बैठक की। मोलभाव और दबाव के बीच अंततः सुमित एन्क्लोप्लास्ट कंपनी ने झुकते हुए वादा किया कि 15 अगस्त से बाकी बचे 750 कर्मचारियों को भी चरणबद्ध तरीके से बहाल किया जाएगा। इसके बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए और हड़ताल को समाप्त कर दिया गया। केडीएमसी के उपायुक्त बोरकर ने सख्त चेतावनी दी कि अगर ठेकेदार कंपनी कर्मचारियों से नौकरी दिलाने के बदले पैसे मांगती है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि पूर्व ठेकेदार से बकाया वेतन के भुगतान के लिए निगम जल्द कार्रवाई करेगा।
शिवसेना नेता दीपेश म्हात्रे ने कहा कि यदि भविष्य में कर्मचारियों के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता किया गया, तो शिवसेना बड़ा जनआंदोलन खड़ा करेगी। फिलहाल, कर्मचारियों ने अपनी नौकरी सुरक्षित होने पर राहत की साँस ली है, लेकिन यह मामला ठेकेदारों द्वारा सफाई कर्मियों के शोषण की ओर इशारा करता है, जिस पर निगरानी बनाए रखना अनिवार्य है।