
मुंबई। मुंबई के वर्सोवा इलाके में एक चौंकाने वाले मामले में पुलिस ने 38 वर्षीय नर्स मेघना संतोष सतपुते को गिरफ्तार किया है, जिस पर एक स्थानीय महिला से 45 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप है। आरोपी ने खुद को सिंधुदुर्ग के एसएसपीएम मेडिकल कॉलेज से जुड़े एक प्रभावशाली सिंडिकेट का सदस्य बताते हुए प्रबंधन कोटे के तहत एमबीबीएस सीट दिलाने का झांसा दिया था। 51 वर्षीय शिकायतकर्ता, जो वर्सोवा में पिछले 25 वर्षों से एक मेडिकल असिस्टेंट के रूप में काम कर रही हैं, अपनी बेटी के लिए एमबीबीएस सीट चाहती थीं। उनकी बेटी ने 2020 में नीट परीक्षा में 315 अंक प्राप्त किए थे और बेंगलुरु में BHMS की पढ़ाई कर रही थी। 2021 में सतपुते से मुलाकात के बाद, उन्होंने भरोसा कर 15 लाख रुपये आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए दिए। बाद में आरोपी ने कोविड नीति में बदलाव का हवाला देकर फीस बढ़ाकर 45 लाख रुपये कर दी। पीड़िता ने बेटी के भविष्य को देखते हुए भारी कर्ज लेकर कुल 45 लाख रुपये – 38.65 लाख बैंक ट्रांसफर से और 6.35 लाख नकद में – अदा कर दिए। आरोपियों ने नकली प्रवेश पत्र, जाली मेरिट सूची और सील लगे दस्तावेज देकर प्रक्रिया को विश्वसनीय बनाया। संदेह न करने के लिए बार-बार संपर्क न करने की चेतावनी भी दी गई। दिसंबर 2021 की तय जॉइनिंग डेट बीतने के बाद जब किसी भी प्रकार का आधिकारिक जवाब नहीं मिला और फोन कॉल्स ब्लॉक कर दिए गए, तब पीड़िता को संदेह हुआ। जब उन्होंने कॉलेज से संपर्क किया तो स्पष्ट हुआ कि कोई एडमिशन हुआ ही नहीं है। इसके बाद उन्होंने वर्सोवा पुलिस से शिकायत दर्ज कराई, जिसके तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और प्रतिरूपण के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी सतपुते को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि उसके दो सहयोगियों – नितेश पवार और राकेश गावड़े पवार – की तलाश जारी है। पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह ने इसी प्रकार अन्य परिवारों को भी निशाना बनाया होगा।