
मुंबई। मुंबई पुलिस के उत्तर क्षेत्र साइबर सेल ने एक परिष्कृत साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों- पंकज प्रभाकर लोहार और धर्मेश धीरजलाल चावड़ा को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर गोरेगांव निवासी एक महिला से 36.56 लाख रुपये की ठगी में शामिल होने का आरोप है। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पीड़िता शेयर बाजार में सक्रिय निवेशक हैं और उन्होंने एक सोशल मीडिया विज्ञापन के माध्यम से एक “उच्च रिटर्न वाली स्टॉक ट्रेडिंग सेवा” से जुड़ने में रुचि दिखाई थी। यह विज्ञापन एक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने का निमंत्रण देता था, जिसमें हर दिन स्टॉक टिप्स और बड़े लाभ के स्क्रीनशॉट पोस्ट किए जाते थे, जिससे वैधता का भ्रम फैलता था। कुछ ही समय में ग्रुप एडमिन ने सीधे महिला से संपर्क किया और दावा किया कि उसकी कंपनी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ पंजीकृत है और निवेश पर गारंटीकृत मुनाफा देती है। एक मोबाइल ऐप पर महिला को उसके निवेश पर बढ़ते हुए लाभ दिखाए गए, जिनकी कुल राशि 2.82 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी। लेकिन जब महिला ने लाभ निकालने का प्रयास किया, तो उसके खाते में सिर्फ 5,000 रुपए ही जमा किए गए। आगे के सभी निकासी प्रयास विफल हो गए और ग्रुप एडमिन से उसका संपर्क भी कट गया। महिला को तब ठगी का एहसास हुआ और उसने साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल तथा मुंबई उत्तर साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। मामले में चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। जांच के दौरान पुलिस लोहार और चावड़ा तक पहुंची, जिन्होंने पूछताछ में खुलासा किया कि वे धोखाधड़ी नेटवर्क के लिए कई बैंक खाते खोलते थे और पीड़िता की राशि इन खातों के माध्यम से मुख्य आरोपियों तक पहुंचाते थे। पुलिस का मानना है कि ये बैंक खाते विशेष रूप से साइबर धोखाधड़ी के वित्तीय संचालन के लिए खोले गए थे। दोनों आरोपियों ने मुख्य मास्टरमाइंड के निर्देश पर काम करने की बात भी स्वीकार की है। अब पुलिस इस रैकेट के मुख्य सरगनाओं और अन्य संभावित साथियों की तलाश में जुटी है। इस घटना के बाद पुलिस ने नागरिकों को सचेत करते हुए सलाह दी है कि किसी भी ऑनलाइन निवेश प्रस्ताव में भाग लेने से पहले केवल आधिकारिक और प्रमाणित प्लेटफॉर्म (जैसे SEBI की वेबसाइट) से ही जानकारी और वैधता की पुष्टि करें। साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क की विस्तृत जांच जारी है।