
मुंबई। महाराष्ट्र में पशुपालन सेवाओं को मजबूत करने के लिए 3,000 पशु चिकित्सा पदों को जल्द भरा जाएगा। यह घोषणा पशुपालन मंत्री पंकजा मुंडे ने विधान परिषद में की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृषि आयोग की सिफारिशों के अनुसार, हर 5,000 पशुओं पर एक पशु चिकित्सक होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में राज्य में 3.3 करोड़ पशुधन के अनुपात में पर्याप्त पशु चिकित्सा कर्मचारी नहीं हैं।
नए पशु चिकित्सा महाविद्यालयों की मंजूरी
मुंडे ने बताया कि अकोला, सांगली, बारामती और परभणी में नए पशु चिकित्सा महाविद्यालय स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी पशु चिकित्सा महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। वहीं, निजी पशु चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की फीस शुल्क नियामक प्राधिकरण द्वारा तय की जाएगी।
सख्त मानदंड और अनिवार्य स्नातक पशु चिकित्सक
सरकार ने निजी पशु चिकित्सा कॉलेजों को अनुमति देते समय कड़े मानदंड तय किए हैं। इसके अलावा, पशु चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए श्रेणी-1 के पशु चिकित्सालयों में स्नातक पशु चिकित्सक की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई है। इस फैसले से राज्य में 3,000 से अधिक पशु चिकित्सकों की आवश्यकता होगी।
बेहतर चिकित्सा सेवाओं के लिए ठोस कदम
यह निर्णय पशु चिकित्सा परिषद अधिनियम के तहत लिया गया है, जिससे पशुधन को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी। मंत्री मुंडे ने कहा कि सरकार इस दिशा में तेज गति से काम कर रही है। विधान परिषद सदस्य अरुण लाड ने राज्य में सरकारी पशु चिकित्सा महाविद्यालयों के संबंध में प्रश्न उठाया था। इस दौरान विधान परिषद सदस्य एकनाथ खडसे, सदाभाऊ खोत और अभिजीत वंजारी ने भी उप-प्रश्न पूछे।