
मुंबई। महाराष्ट्र वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने 29.88 करोड़ रुपये की फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) धोखाधड़ी के आरोप में गुजरात निवासी विनय राजेश पारेख (उम्र 37 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। वह मेसर्स एंजल प्लाय एंड लैम के प्रोप्रायटर हैं और उन पर वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत गंभीर कर चोरी का आरोप है। विनय पारेख को बड़ौदा, गुजरात स्थित उनके पते – ए-402, कुंज पैराडाइज, आईसीआईसीआई बैंक के सामने, से हिरासत में लिया गया और मुंबई के एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया गया। न्यायालय ने उन्हें 18 अगस्त 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह गिरफ्तारी मेसर्स एंजल प्लाय एंड लैम नामक फर्म के खिलाफ चल रही विस्तृत जांच का हिस्सा है। जांच में सामने आया कि फर्म ने बिना किसी वास्तविक वस्तु या सेवा की आपूर्ति के फर्जी बिलों के जरिए 29.88 करोड़ रुपये की आईटीसी क्लेम की थी। यह फर्जीवाड़ा महाराष्ट्र/केंद्रीय जीएसटीअधिनियम, 2017 के तहत एक गंभीर आर्थिक अपराध माना जाता है। कार्रवाई का नेतृत्व सहायक राज्य कर आयुक्त (डी-313) नितीनचंद्र जी. पाटील और सहायक राज्य कर आयुक्त (डी-315) रमेश उ. अवघडे ने किया, जिसमें DC-E-0303 यूनिट के राज्य कर निरीक्षकों ने अहम भूमिका निभाई। महाराष्ट्र जीएसटी विभाग ने दोहराया है कि फर्जी आईटीसी मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी और कानून का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। विभाग ने सभी करदाताओं से अपील की है कि वे जीएसटी नियमों का ईमानदारी से पालन करें और कर चोरी से बचें, अन्यथा गंभीर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।