
ठाणे। कोपर गांव में बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए खोदे गए एक गहरे पानी से भरे गड्ढे में तैरते समय 12 वर्षीय एक मासूम की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान देवव्रत जुगेश पांडे के रूप में हुई है, जो चंद्राबाई अनंत पाटिल स्कूल में चौथी कक्षा का छात्र था। घटना सोमवार शाम की है, जब देवव्रत अपने भाई और दोस्तों के साथ बुलेट ट्रेन के निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे में तैरने गया। गड्ढे के चारों ओर कोई सुरक्षात्मक बाड़ या चेतावनी संकेत नहीं था। पानी की गहराई का अंदाजा न लगने के कारण देवव्रत डूब गया। सोमवार को उसकी वार्षिक परीक्षाएं शुरू हुई थीं। पहला पेपर देने के बाद वह ट्यूशन के लिए गया और फिर घर लौट आया। इसके बाद दोस्तों के साथ तैरने गया, लेकिन यह खेल उसके जीवन का अंत बन गया। देवव्रत के पिता, जुगेश पांडे, एक ऑटो रिक्शा चालक हैं और पिछले छह वर्षों से अपनी पत्नी और दो बेटों- देवव्रत और 8 वर्षीय सुनील के साथ कोपर गांव की एक चॉल में रह रहे हैं। परिवार इस हादसे से गहरे शोक में डूबा है।
सांसद ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
घटना की जानकारी मिलते ही भिवंडी के सांसद सुरेश म्हात्रे (बाल्यामामा) ने शोकग्रस्त परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और नारपोली पुलिस स्टेशन में वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर लापरवाही के लिए जिम्मेदार निर्माण कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, इतनी बड़ी परियोजना में सुरक्षा मानकों की अनदेखी निंदनीय है। यह एक मासूम की जान जाने का मामला है और हम चुप नहीं बैठेंगे।
मां-बाप की पुकार: इंसाफ चाहिए
देवव्रत की माँ का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार का कहना है कि इस तरह के गड्ढों को खुला छोड़ना किसी आपराधिक लापरवाही से कम नहीं है। उन्होंने प्रशासन और परियोजना संचालकों से न्याय की गुहार लगाई है। यह हादसा एक बार फिर से बताता है कि विकास परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी बड़ी कीमत ले सकती है। प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की घटनाएँ दोहराई न जाएँ।