
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने पालघर जिले के वाधवन बंदरगाह (तवा) को हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग से जोड़ने के लिए 104.898 किलोमीटर लंबी शीघ्रसंचार द्रुतगति महामार्ग (फ्रेट कॉरिडोर) के निर्माण को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में इस परियोजना को हरी झंडी दी गई। यह परियोजना महाराष्ट्र राज्य रस्ते विकास महामंडळ (MSRDC) के माध्यम से क्रियान्वित की जाएगी। इसके लिए HUDCO से 1500 करोड़ रुपए का ऋण लिया जाएगा और कुल 2528.90 करोड़ रुपए की परियोजना लागत को मंजूरी दी गई है। निर्माण कार्य अगले तीन वर्षों में पूरा किया जाएगा। वर्तमान में वाधवन बंदरगाह से समृद्धि महामार्ग तक की दूरी 183.48 किमी है, जिसे नया फ्रेट कॉरिडोर घटाकर 104.89 किमी कर देगा। इससे 78.58 किमी की दूरी की बचत होगी और यात्रा का समय 4-5 घंटे से घटकर मात्र 1 से 1.5 घंटे हो जाएगा। यह सीधा संपर्क मार्ग माल ढुलाई की गति और दक्षता को बेहतर बनाएगा।
नया महामार्ग पालघर जिले के डहाणू, विक्रमगड, जव्हार, मोखाडा और नाशिक जिले के त्र्यंबकेश्वर तथा इगतपुरी तालुकों से होकर गुजरेगा। इस क्षेत्रीय संपर्क से विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र की औद्योगिक, कृषि और आईटी इकाइयों को नई गति मिलेगी। साथ ही, इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उन्हें बाजारों तक तेज व सुलभ पहुंच प्राप्त होगी। यह परियोजना न केवल राज्य के माल परिवहन ढांचे को सशक्त बनाएगी, बल्कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बंदरगाह क्षेत्र को भी समृद्धि महामार्ग जैसी प्रमुख आधारभूत सुविधा से जोड़ने में सहायक सिद्ध होगी।