Friday, October 18, 2024
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संपादकीय:- धमकी पर उतरा चुनाव आयोग!

कहावत है खरबूजे को देखकर ताराबुजा रंग बदलने लगता है। चुनाव आयोग भी अपने आका की तरह तानाशाही रवैया अपनाने लगा है। जिस तरह सरकार से सवाल करना गुनाह है उसी तरह अब चुनाव आयोग चाहता है कि कोई उससे सवाल कर जवाब नहीं मांगे। मामले कई हैं। आरटीआई से मिली सूचना में 19 लाख ईवीएम गायब हैं। चुनाव आयोग इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। जानबूझकर सूचना देना नहीं चाहता। मध्यप्रदेश में मतगणना के चार दिन पूर्व ही डाक से आए मतपत्रों के बक्से की सील तोड़कर गड़बड़ क्यों की गई? स्ट्रॉन्ग रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे दो घंटे बंद क्यों किए गए? मुस्लिम मतदाताओं को वोट देने से क्यों रोका गया? मध्यप्रदेश में ही पुलिस अधिकारियों के संरक्षण में वोटरों को पैसे बांटे जाते कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पकड़ा। एक गाड़ी में रात के अंधेरे में ईवी एम भरकर कहां और क्यों ले जाई जा रही थी जिसमें कोई चुनाव अधिकारी नहीं था?एक कब्रिस्तान में छः ईवीएम मशीनें क्या करने के लिए, किसने और क्यों फेका था? तमाम सीलें नई कैसे पाई गई? डाक से आए मतवपत्रों की गिनती में चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर 190 + सीटें कांग्रेस को जाता दिखा रहा था, क्या कारण है कि ई वीएम खोलने पर कांग्रेस हार गई? 12 से 14 घंटे चुनाव में व्यस्त ई वी एम की बैटरी गणना के समय 90 प्रतिशत चार्ज कैसे और क्यों दिखा रही थी? वर्तमान विधायक के गांव में ही 50 वोट भी नहीं मिले यह कैसे संभव है? छत्तीसगढ़ के वर्तमान विधायक ने अपने छः परिजनों के साथ वोट डाले थे जिनमें उस बूथ पर एक भी वोट नहीं मिले, उसके परिजनों के सात मत कहां चले गए? यह कैसे संभव हुआ कि दूसरे दल के सिंबल पर वोट देने के बाद बीजेपी की ही पर्ची निकल रही थी? सैकड़ों चुनाव क्षेत्र में ईवीएम में पड़े मत और वीवी पेट की पर्ची में भारी अंतर क्यों आए?आखिर क्या कारण है कि चुनाव आयोग द्वारा ई वी एम हैक करने का चैलेंज किया गया लेकिन एक वैज्ञानिक और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने ईवीएम हैक कर दिखाया?अमेरिकी सरकार ने ईवीएम हैक करने के लिए हैकरों को आमंत्रित किया।चालीस हैकर्स आए। दो बच्चों ने तो हैक कर ई वी एम पर गाने सुने कैसे? जापान चिप बनाता है। वही जापान अपने यहां ई वी एम से चुनाव नहीं कराता। कहता है मानव निर्मित चिप हैक की जा सकती है तो चुनाव आयोग ईवीएम प्रेम क्यों दिखा रहा? बैलेट पेपर से चुनाव कराने में क्या हर्ज है? विपक्षी नेता ही नहीं देश की जनता को ईवीएम पर भरोसा नहीं रहा तो चुनाव आयोग ईवीएम क्यों नहीं बंद करता? हजारों शिकायतें चुनाव आयोग में लंबित हैं। वह राहुल गांधी को नोटिस भेज सकता है तो आचार संहिता का उल्लंघन कर धर्म और शहीदों के नाम वोट मांगने पर नोटिस क्यों नहीं भेजता? सारे सवालों के जवाब देने की जगह चुनाव आयोग अब सवाल पूछने वालों को नोटिस देने की धमकी क्यों देने लगा है? क्या चुनाव आयोग तानाशाह बन गया है? क्या लोकतंत्र के खात्मे पर उतारू हो गया है चुनाव आयोग? आदि तमाम सवाल देशवासियों के मन में उठ रहे हैं। लोकतंत्र का तकाजा है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष रहे। पक्षपात नहीं करे। कहीं ऐसा तो नहीं कि देश भर से प्रतिक्रिया आने से बौखला गया है चुनाव आयोग? जो धमकाने पर उतर आया है? यह जनता है। संविधानिक सार्वभौम जनता। अगर उखड़ गई तो चुनाव आयोग को सिर छुपाने का ठौर नहीं मिलेगा। अतः चमचागिरी गुलामी छोड़कर अपने कर्तव्य पालन करे चुनाव आयोग अन्यथा सुप्रीम कोर्ट का लट्ठ जरूर पढ़े पड़ेगा।

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