
नागपुर। नागपुर की सड़कों पर बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा जब पार्टी ने ‘सद्भावना शांति रैली’ का आयोजन किया। इस रैली का उद्देश्य था—राज्य में सभी जाति और धर्मों के बीच सौहार्द, भाईचारे और शांति का संदेश फैलाना। रैली में महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, प्रदेश प्रभारी रमेश चेन्नीथला, और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
रैली के दौरान विजय वडेट्टीवार ने महायुति सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “राज्य सरकार ने समुदायों के बीच दरारें पैदा करने का काम शुरू किया है। हम विपक्ष में हैं लेकिन महाराष्ट्र की शांति हमारी जिम्मेदारी है। ये लोग चाहे जितनी भी अशांति फैलाएं, लेकिन नागपुर और पूरा राज्य एक दिन फिर से शांत और समरस बनेगा। वडेट्टीवार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के ‘सद्भावना’ सिद्धांत का ज़िक्र करते हुए कहा कि रैली उन्हीं आदर्शों पर आधारित है, जो शांति और एकता को बढ़ावा देते हैं। कांग्रेस नेता अनीस अहमद ने आरोप लगाया कि नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा भाजपा और विहिप के इशारे पर हुई थी। उन्होंने कहा, “पवित्र चादर को जलाकर जानबूझकर सद्भावना को चोट पहुंचाई गई। आज कांग्रेस उसी सद्भावना को लौटाने के लिए यह रैली निकाल रही है। रैली की शुरुआत गांधी गेट महल से हुई, जहाँ छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपना संदेश दिया। इसके बाद रैली नरसिंग टाकीज, कोतवाली चौक, बड़कस चौक, चिटनीस पार्क चौक, गंजीपेठ गांधी पुतला होते हुए रजवाड़ा पैलेस तक पहुंची। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास ठाकरे ने बताया कि रैली का उद्देश्य महात्मा गांधी के शांति, समता और बंधुत्व के विचारों को जन-जन तक पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि लोगों में भाईचारा और मानवता की भावना को पुनर्स्थापित करना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। कुल मिलाकर, यह रैली न सिर्फ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया थी, बल्कि सामाजिक सौहार्द के लिए एक खुला आह्वान भी थी—जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाग लेकर अपने समर्थन को दर्शाया।