वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसमें दिशाओं की ऊर्जा का महत्व है।
पूर्व दिशा के स्वामी ग्रह सूर्य और देवता इंद्र हैं जो स्वास्थ्य, बुद्धि और ऐश्वर्य की द्योतक है
पश्चिम दिशा के स्वामी ग्रह शनि और देवता वरुण हैं जो सफलता और प्रसिद्धि को दर्शाती है।
उत्तर दिशा के स्वामी ग्रह बुध और देवता कुबेर हैं जो बुद्धि, ज्ञान और मनन की दिशा है।
दक्षिण दिशा के स्वामी ग्रह मंगल हैं और देवता यमराज हैं। पद और प्रतिष्ठा दर्शाती है।
आग्नेय कोण के स्वामी ग्रह शुक्र और देवता अग्नि देव हैं जो व्यक्ति की सेहत को बताती है।
नैऋत्य कोण के स्वामी ग्रह राहु और देवता नैऋती असुर स्त्री है। गृह स्वामी के निर्णय शक्ति को दर्शाती है।
वायव्य कोण के स्वामी चन्द्रमा और देवता पवन देव हैं जिनके जुड़ाव आपके घर आने वाले लोगों से और आपके मित्रों से है।
ईशान कोण इस दिशा के स्वामी ग्रह गुरु हैं और देवता श्री विष्णु हैं जो ज्ञान, विवेक और बुद्धि की सूचक है।